Thursday 4 June 2020

Latu Devta - Nagraj Temple- Chamoli - Uttrakhand !! लाटू देबता - नागराज का अद्भुत मंदिर जहा कोई दर्शन नहीं कर सकता






|| लाटू देबता - नागराज का अद्भुत मंदिर जहा कोई दर्शन नहीं कर सकता || 
|| साल में सिर्फ एक बार पूर्णिमा पर खुलता है मंदिर || 
|| नागराज अपनी दिव्य मणि के साथ विराजमान है और सिर्फ पुजारी ही मंदिर के अंदर जा सकते है || 

भारत देश में वैसे तो बहुत रहस्य्मयी और अद्भुत स्थान पर है पर उत्तराखंड के चमोली जिले के देवल गांव के समीप वान नाम की जगह में "लाटू देवता" का प्रसिद्ध मंदिर है जिसके बहुत मान्यता है पर अनोखी बात यह है की उनके दर्शन कोई नहीं कर सकता और पुजारी भी मंदिर के अंदर आँखों पर और नाक पर पट्टी बाँध कर जाता है | ऐसा क्यों है यह हम आपको बताते है | 

प्राचीन जनश्रुतियो के अनुसार "लाटू देवता" उत्तराखंड की आराध्य देवी " नंदा माता" के धर्म भाई है | वाण गांव प्रत्येक 12 वर्षो में होने वाली उत्तराखंड की सबसे बड़ी पैदल यात्रा की राज यात्रा का यह 12 वा पड़ाव है | यहाँ "लाटू देवता" वाण से लेकर हेमकुंड तक अपनी धर्म बहन की अगवानी करते है | 

साल में सिर्फ वैशाख मास की पूर्णिमा को एक दिन मंदिर के पट खुलते है और इस पवित्र दिन पुजारी मंदिर के कपाट अपने आँख और मुँह पर कपडे की पट्टी बाँध कर खोलते है | इस दिन भक्तो की बहुत भीड़ लगती है और यह सब मंदिर के बहार से ही दर्शन करते है | जब मंदिर के कपाट खुलते है तब विष्णु सहस्त्रनाम और भगवती चंडिका के पाठ  लगातार होते है | 

स्थानीय लोगो का मानना है की नागराज यहाँ अपनी मणि के साथ विराजमान होते है और और मणि की चमक देखना आम लोगो के बस की बात नहीं इसलिए उन्हें प्रवेश नहीं दिया जाता | कहते है की मणि की रौशनी से इंसान अँधा हो सकता है | पुजारी भी नागराज का विराट रूप देख कर डर न जाए और उनके ज़हर की फुँकार से मूर्छित न हो जाए इसलिए आँखों और नाक पर पट्टी बांधना आवश्यक है | पुजारी एक दिन कपाट खोलने के बाद इसे फिर अगले साल तक के लिए बंद कर देते है और भक्त अगले साल की प्रतीक्षा करते है || 

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